सर्वप्रथम भुगोल शब्द का प्रयोग एरेतोस्थनीज ने किया था |यह शब्द ग्रीक भाषा के दो मूल 'Geo' (पृथ्वी ), Graphos. (वर्णन). से प्राप्त किया गया है | दोनों को एक साथ रखने पर इसका अर्थ बनता है पृथ्वी एक वर्णन | भुगोल के नामकरण एवं एस विषय को प्राथमिक स्टर पर व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने का श्रेय युनान के निवासियो को जाता है | हेकेतियों ने अपनी पुस्तक जस पिरियोदास में भगौलिक तत्वों का क्रमबद्ध समावेश किया | भुगोल को एक स्वतंत्र विषय के रूप में 19वी शताब्दी में ही मान्यता मिल गई थी लेकिन भुगोल इंसान और पर्यावरण के पारस्परिक संबंधों के अध्ययन के रूप में 20वी शताब्दी में विकसित हुआ | हिकेतियों को भुगोल का जनक कहा जाता है, लेकिन व्यवस्थित भुगोल का जनक एरेतोस्थनिज को कहा जाता है | भुगोल के माध्यम से हमें बहुत सी जानकरिया मिली है लेकिन हम आज भी अधूरे हैं |

भुगोल की कुछ परिभाषये-
अलग अलग भुगोल वेत्तो ने अपने अलग परिभाषा दिए हैं -
भुगोल एक ऐसा स्वतंत्र विषय है जिसका उदेश्य लोगो को विश्व, आकाशीय पिंड, स्थल, महासागरो, जीव जंतुओ वनस्पति फलो तथा भू धाराताल के क्षेत्र में देखी जाने वाली प्रत्येक अन्य वस्तु का ज्ञान प्राप्त करना है |
- स्ट्रैबो
भुगोल पृथ्वी की झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विज्ञान है |
-कलैदियास, टोलमी
भुगोल वह विज्ञान है, जिस्मे पृथ्वी को स्वतंत्र ग्रह के रूप में मान्यता देते हुए उसे समस्त लक्षण घटानाओ एवम उसको अंत संबंध का अध्ययन किया जाता है |
- कार्ल रिटार
भुगोल नहीं एक शाखा केवल एक छोटे से ज्ञान की अपितु एक कहानी लंबी प्रकृति और इंशान की |
-मेरे द्वारा (ब्लॉगर)
ब्रह्मांड क्या है-
अस्तित्वमान द्रव्य एवं ऊर्जा के सममिलित रूप को ब्रम्हंड कहते हैं |
ब्रह्माण्ड की उपज से संबंध प्रमुख सिद्धांत-
ब्रह्मांड की उपज से संबंध कुछ प्रमुख सिद्धांत है |
महाविस्फोटक सिद्धांत (big-bang theory )
- येब जार्ज लैमेंटेयर
सतत सृष्टि सिद्धांत
- थॉमस गोल्ड एवम हरमन बॉडी
स्पंदित ब्रह्मांड सिद्धांत
- डॉ. एलेन संडेजा
स्फीति सिद्धांत
- एलन गुथ
ब्रम्हांड के निरंतर विस्तार के साक्ष जुटने में एडिसन हब्बल का योगदान उल्लेखनिय है | ब्रम्हंड के निरंतर विस्तार के साक्षी के रूप में अंतरिक्ष में सूक्ष्म तरंग की स्थिति का पता चलता है, अंतरिक्ष में रेडशिफ्ट परीघटना का अवलोकन तथा आधुनिक अध्ययन में सुपरनोवा का अंतरिक्ष में विस्फोटक होना भी ब्रम्हांड के विस्तार के साक्षी रूप में माना जा रहा है |
ब्रम्हंड का व्यास 10*8 प्रकाश वर्ष है ब्रह्माण्ड में लगभाग 100 अरब मंदाकिनी है प्रत्येक मंदाकिनी में लगभाग 100 अरब तारे होते हैं |
मंदाकिनी -
तारो का ऐसा समूह, जो धुंधला सा दिखाता है तथा जो तारा निर्माण प्रकृति की शुरुआत का गैसपुंज मंदाकिनी कहलता है| जिसे दुग्धमेखला या आकाशगंगा कहते हैं | आकाशगंगा के सबसे निकटतम मंदाकिनी को देवयानी नाम दिया गया है|
नई ज्ञात मंदाकिनी बौनी मंदाकिनी है |
निहारिका-
यह एक ब्रम्हंडीय नरसरी है जहां तारो का जन्म होता है | निहारिका में धूल और गैसो का बादल होता है सभी तारो का जन्म निहारिका में होता है सिर्फ कुछ दुर्लभ अवसरों को छोडकर जैसे दो। नियोट्रॉन तारे एक श्याम विवर बनता है |
सौरमंडल-
सूर्य के चारो और चक्कर लगाने वाले विभिन ग्रहो, क्षुद्रग्रहो, धूमकेतुओ, उल्काओ तथा अन्य आकाशिये पिंडो के समूह को सौरमंडल कहते हैं |
सूर्य-
सूर्य सौरमंडल का प्रधान तारा है यह हमारी मंदाकिनी दुग्धमेखला। से लगभग 30000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है| सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घुमता है| सूर्य एक गैसीय गोला है जैसे हाइड्रोजन 71%, हिलियम 26.5% है | सूर्य का सेंट्रल भाग कोर कहलता है जिसका ताप 15000000°c होता है | सूर्य के बाहरी सताह का तपमान 6000°c है| सूर्य के दीप्तिमान सत को प्रकाश मंडल कहते हैं, प्रकाश मंडल के किनारे प्रकाशमान नहीं होते, क्यों की सूर्य का वायुमंडल प्रकाश का अवशोशन कर लेते हैं इसे वर्णमंडल कहते हैं यह लाल रंग का होता है | सूर्य ग्रहण के समय दिखाने देने वाले भाग को सूर्य किरीट कहते हैं| सूर्य किरीट एक्स रे उत्सर्जीत कर्ता है | सूर्य की आयु 5 अरब वर्ष है| सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचाने में 8 मिनट 16.6 सेकेंड लगता है | सौर ज्वाला को उत्तर ध्रुव पर औरोरा बोरियालिस और दक्षिणी ध्रुव पर ऑस्ट्रेलिस कहते हैं |सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हजार किमी है जो पृथ्वी के व्यास का 110 गुना है |
सौरमंडल में मौजुद पिंडो को तीन श्रेणियो में रखा गया है -
1.परम्परागत गृह -
बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण
2. बौने ग्रह-
प्लूटो, चेरोन, सेरास
3.लघु सौरमंडलीय पिंड -
धूमकेतु, उपग्रह, वी अन्य छोटे खगोलिय पिंड |
ग्रह-
ग्रह वे खगोलिय पिंड है जो सर्तो को पूरा करते हो |
जो सूर्य के चारो और परिक्रमा कर्ता हो उसमे पर्यप्त गुरुत्वकर्शन बल हो जैसे वह गोल स्वरूप ग्रहण कर सके| उसे पास का क्षेत्र साफ हो यानी उसका आस पास कोई खगोलिया पिंड की भिड़ ना हो|
आंतरिक ग्रह-
बुध, शुक्र, पृथ्वी, अवम मंगल को पार्थिव ग्रह कहा जाता है, क्यों की ये पृथ्वी के पास होते है | ये सूर्य और क्षुद्र ग्रहो के बीच स्थित है इसलिए इसे आंतरिक ग्रह कहते हैं|
वाह्य ग्रह-
बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण को बृहस्पति या वह ग्रह कहा जाता है |
ग्रहो का आकार घटते क्रम में -
बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, एवम बुध |
ग्रहो का घनत्व बढ़ते क्रम में-
शनि, अरुण, बृहस्पति, वरुण, मंगल, शुक्र, बुध, पृथ्वी |
सूर्य से दुरी के अनुसार गृहों का क्रम -
बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, एवम वरुण |
द्रव्यमान के अनुसार ग्रहो का क्रम बढ़ते क्रम में-
बुध, मंगल, शुक्र, पृथ्वी, अरुण, वरुण, शनि और बृहस्पति |
बुध( Mercury )-
* यह सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है| ये सबसे छोटा और सबसे हल्का ग्रह है| इसके पास कोई उपग्रह नहीं है| इसका सबसे विशिष्ट गुण चुम्बकी क्षेत्र का होना है| यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में पूरी करता है|
शुक्र ( VENUS ) -
*यह पृथ्वी का निकटतम, सबसे चमकीला एवम सबसे गर्म ग्रह है| शुक्र को सांझ का तारा या भोर का तारा कहा जाता है, क्यों कि यह शाम को पश्चिम दिशा में तथा सुबह में पूरब की दिशा में आकाश में दिखता है| यह अन्य ग्रहो के विपरीत दक्षिणवर्त चक्र करता है| शुक्र को पृथ्वी की भगिनी कहा जाता है | यह घनत्व, आकार, व्यास में पृथ्वी के समान है| शुक्र के पास कोई उपग्रह नहीं है |
बृहस्पति ( JUPITER )-
यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है| इसे अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में 10 घंटे और सूर्य की परिक्रमा करने में 12 वर्ष लगते हैं | बृहस्पति का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 1000वा भाग है| इसका सबसे बड़ा उपग्रह ज्ञानीमिद है |
मंगल ( MARS )-
इसे लाल ग्रह कहा जाता है , इसका रंग लाल आयरन ऑक्साइड के कारण है| यहा पृथ्वी के समान दो ध्रुव है तथा इसका कक्ष 25° के कोण पर झुका हुआ है जिसे कारण यह पृथ्वी के समान ऋतु परिवर्तन होता है| दिन का मान और अक्ष का झुकव पृथ्वी के समान है| यह अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक बार पूरा चक्कर कर लेता है| मंगल के पास दो उपग्रह है फोबोस और डीमोस| सूर्य की परिक्रमा करने में 687 दिन लगते हैं| सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपस मेसी एवम सौरमंडल का सबसे ऊंचा पर्वत निक्स ओलम्पिया है|
शनि ( SATURN )-
यह आकार में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है|इसकी विशेशता इसके तल के चारो तरफ वलय का होना| वलय की संख्या है | यह आकाश में पीला तारे के समान दिखता पड़ता है| इसका घनत्व सभी ग्रहो में सबसे कम है, इसको जल में रखने पर तैरना लगता है| शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है |
अरुण ( Uranus )-
यह आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है, इसका तपमान लगभाग -215° है| यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है| यह सूर्योदय पश्चिम की ओर से होता है, यह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ सा दिखलाई पड़ता है|इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह कहते हैं, इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटेनिया है|
वरुण ( NEPTUNE )-
इसकी खोज जहान गाले नी की ,सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह है, इसे, चारो ओर अति शीतल मिथेन का बादल छाया हुआ है| ट्राईटेन प्रमुख है , उपग्रह है|
पृथ्वी ( EARTH )-
पृथ्वी आकार में पंचवा सबसे बड़ा ग्रह है, पृथ्वी का अक्ष उसके कक्षा तल पर 23.1/2° झुका हुआ है पृथ्वी का अक्ष पृथ्वी की कक्षा तल से 66.1/2° का कोण बनाता है| यह सौरमंडल का एक मात्र ग्रह है, जिसपर जीवन है| इसका एकमात्र उपग्रह चंद्रमा है| इसका विशुवती व्यास 12756 और ध्रुविय व्यास 12713 किमी है|यह अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकेंड लेता है| आकार और बनावत की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है|जल की उपस्थिति के कारण पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहते हैं |
चंद्रमा (MOON)-
चंद्रमा की सतह मैं और उसकी आंतरिक स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञान सेलेनोलॉजी कहलाता है| चंद्रमा पर धूल का मैदान को शांति सागर कहते हैं|चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 27 दिन 8 घंटे में पूरी करता है|
सुपर मून -
जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है तो स्थिति को सुपर कहते हैं|
क्षुद्र ग्रह-
मंगल और बृहस्पति ग्रह की कक्षों के बीच कुछ छोटे छोटे आकाशीय पिंड है, जो सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं उन्हें क्षुद्रग्रह कहते हैं|
धूमकेतु-
सौरमंडल के छोर पर बहुत ही छोटे छोटे अरबो पिंड विद्यामन है, जो धूमकेतु या पुच्छल तारा कहलाता है|
बौने ग्रह-
प्लूटो, सेरस
उल्का-
उल्काये प्रकाश की चमकीली धारी के रूप में देखते हैं जो आकाश में क्षणभन के लिए चमकती है फिर लुप्त हो जाति है|
उपसौर ( perihelion )-
जब पृथ्वी सूर्य के पास होती है तो इसे उपसौर कहते हैं,ये स्थिति 3 जनवरी को होती है|
अपसौर ( Aphelion )-
पृथ्वी जब सूर्य से अधिकतम दुरी पर होती है तो इसे अपसौर कहते हैं ये 4 जुलाई को होता है |
अक्षांश-
विशुवत वृत्त के उत्तर या दक्षिण दिशा में स्थित किसी स्थान की कोण दूर को अक्षांश कहते हैं | यह कोण पृथ्वी के मध्य में बनता है |
देशान्तर-
उत्तर तथा दक्षिणी ध्रुव को मिलाने वाली कल्पनिक रेखा को देशांतर कहते हैं|
सूर्यग्रहण-
जब कभी दिन में सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य की चमकती सतह दिखाइ नहीं देती इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं |
चंद्र ग्रहण-
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाति है तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर नहीं पहुंचता इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं|
स्थलमंडल -
पृथ्वी की संपूर्ण वाह्य परत, जिसपर महाद्वीप एवं महासागर स्थित है,स्थलमंडल कहलती है| पृथ्वी के कुल 29% भाग पर स्थल तथा 71% भाग पर जल है| पृथ्वी पर अधिक्तम ऊंचाई माउंट एवरेस्ट की है( 8850), तथा अधिकतम गहरा मेरियाना गर्त की है(11022 मी।)
चट्टान-
पृथ्वी की सतह के कठोर भाग को चट्टान कहते हैं| उत्पत्ती के आधार पर चट्टान तीन प्रकार के होते हैं|
1. आग्नेय चट्टान
2.अवसादी चट्टान
3.कायनतरित चट्टान
ज्वालामुखी-
ज्वालामुखी भू पटल पर वह प्राकृत छेद या दरार है जिससे होकर पृथ्वी का पिघला पदार्थ बहार निकलता है| ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं|
1. सक्रिय ज्वालामुखी
2. प्रसुप्त ज्वालामुखी
3.शांत ज्वालामुखी
विभिनं स्थलाकृति-
निर्माण के आधार पर स्थालाकृति तीन के होते है|
1. पर्वत
2. पठार
3. मैदान
पर्वत-
पर्वत चार प्रकार के होते हैं |
1. ब्लॉक पर्वत
2. अवशिष्ठ पर्वत
3.संचित पर्वत
4. वलित पर्वत
पठार-
धाराताल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास के स्थल पर्याप्त ऊंचा होता है तथा शीर्ष भाग चौडा और सपात होता है |
. अंतरपर्वती पठार
.पर्वतपदिय पठार
.महाद्वीपिय पठार
.तटीय पठार
.गुम्बदकर पठार
मैदान-
500 फिट से काम उंचाई वाले भूपृष्ठ के समतल भाग को मैदान कहते हैं| मैदान के कई प्रकार है |
.अपरदनात्मक मैदान
.निक्षेप मैदान
वन-
वन के कई प्रकार है
.उष्ण कटिबन्धिय सदाबहार वन
.उष्ण कटिबंधीय अर्ध पतझड़ वन
.विशुवत रेखिय वन
.टैगा वन
.टुंड्रा वान
.पर्वतिय वन
महाद्वीप-
पृथ्वी पर भु भाग की सबसे बड़ी इकाई को महाद्वीप कहते हैं| पृथ्वी को 7 महाद्वीप में बाटा गया है|
एशिया-
यह संसार का सबसे बड़ा महाद्वीप है व यह विश्व के लगभाग 30% भाग पर फैला हुआ है|
.लाल सागर और स्वेज नहर एशिया को अफ्रीका से अलग करता है|
.बेरिंग जलसंधि एशिया को अमेरिका से अलग करती है|
.यहा दुनिया की 60% आबादी निवास करती है|
.अंगारालैंड और गोंडवाना यही स्थित है|
.दुनिया का सबसे बड़ा प्रयाद्वीप अरब प्रयाद्वीप यही है|
.सबसे ऊंचा पर्वत शिखर हिमालय पर्वतमाला श्रेणी माउंट एवरेस्ट यही है जो नेपाल में स्थित है, इसे सागरमाथा कहते हैं |
.एशिया में दुनिया का सबसे ऊंचा पठार पामीर का पठार |
. एशिया में दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत है |
.एशिया में सबसे लांबी नदी यांग्सी तथा अधिकतम गहराइ मृत सागर की है|
.दुनिया की सबसे गहरी झील बैकाल झील एशिया में है|
.दुनिया की सबसे बड़ी झील कैस्पियन सागर है|
.एशिया में दुनिया का सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र मासिनराम भारत में है|
.एशिया में दुनिया का सबसे लबा प्लेटफॉर्म गोरखपुर भारत में है|
.सर्वाधिक डाकघर भारत में है|
.एशिया का सबसे घना बसा द्वीप जावा है|
अफ्रीका-
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप अफ्रीका है, जो जिब्राल्टर जलसंधि द्वारा यूरोप से पृथक होता है , इसके पूर्व में हिंदी महासागर और पश्चिम में अटलांटिक महासागर है इसे कैंटिनेंट ऑफ कंट्रास्ट कहते हैं |
• अफ्रीका एक मात्र महाद्वीप है जिससे होकर विशुवत रेखा कर्क रेखा और मकर रेखा गुजरती है|
• अफ्रीका की सबसे बड़ी झील विक्टोरिया से होकर विशुवत रेखा गुजरती है और इससे दुनिया की सबसे लंबी नदी नील निकलती है जो सहारा रेगिस्तान से होते हुए भूमध्य सागर में जाकर गिरती है|
• अफ्रीका में बुशमैन , पिग्मी, बड्डू प्रमुख आदिम जातिया है|
•अफ्रीका की कांगो नदी विशुवत रेखा को और लिम्पोपो नदी मकर रेखा को दो बार कट करती है|
•अफ्रीका के उष्ण घास के मैदान सवाना और शीतोष्ण घास के मैदान को वेल्ड कहते हैं|
•अफ्रीका का सबसे लंबा रेलमार्ग केप काहिरा रेलमार्ग है|
•उत्पादन की दृष्टि से अफ्रीका का किम्बरले विश्व की सबसे बड़ी हीरा की खान है|
•उत्तरी अफ्रीका में विश्व का सबसे विशाल मरुस्थल सहारा है|
•दक्षिण अफ्रीका में कालाहारी मरुस्थल है|
• तैफिलालेट मरुद्यान मोरक्को में है|
•एटलस पर्वत उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका महाद्वीप मे है|
•दक्षिण अफ्रीका विश्व के 90% क्रोमियम का उत्पादन करता है|
•नील नदी का उद्गम स्थल विक्टोरिया झील है|
•नील नदी पर बसने वाला सबसे बड़ा शहर काहिरा है|
•अफ्रीका का हॉर्न, अफ्रीका के पूर्वी भाग को कहा जाता है|
• मिस्त्र के किसान को फलाह कहते हैं|
•सोने की कास्ट के नाम से जाने वाला शहर घाना है |
•अफ्रिका महाद्वीप मे नाएजर नदी को पाम तेल की नदी कहा जाता है|
उत्तरी अमेरिका-
•उत्तरी अमेरिका विश्व का तीसरा बड़ा महाद्वीप है|
•उत्तरी अमेरिका का नाम अमेरिगो वेस्पुसी नामक साहसी यात्री के नाम पर अमेरिका पड़ा|
•पनामा नहर उत्तरी अमेरिका तथा दक्षिणी अमेरिका को जोड़ी है|
• उत्तरी अमेरिका के मूल निवासियो मे रेड इंडियन, एस्किमो, और एन्युट है|
• उत्तरी अमेरिका का उच्चतम्त पर्वत शिखर माउंट मैकिनले है यह एक सक्रिय ज्वालामुखी है|
• संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण पूर्वी पर चलने वाली चक्रवात हरिकेन और टारनिडो है|
• उत्तरी अमेरिका के शीतोष्ण घास के मैदान प्रेयारी कहलाते है|
•कनाडा का मॉन्ट्रियल कागज़ उद्योग के लिए विश्व प्रसिद्ध है |
•अमेरीका विश्व का सर्वाधिक मक्का उत्पादित करने वाला देश है |
•क्युबा द्विप को गन्ने का प्रमुख उत्पादक होने के कारण चीनी का कटोरा कहा जाता है|
•उत्तरी अमेरिका का मेक्सिको विश्व में सर्वाधिकार चांदी उत्खनित करने वाला देश है |
• विश्व की विख्यात मक्का मंडी संयुक्त राज्य अमेरिका के सैंटलुइस नगर में है|
•विश्व की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील सुपीरियर झील उत्तरी अमेरिका में है |
•यू.एस.ए के पश्चिमी भाग में नमकीन पानी का झील ग्रेट साल्ट झील स्थित है|
• नियाग्रा जलप्रपात इरी तथा ओंटारियो झील के मध्य स्थित है|
•उत्तरी अमेरिका के पूर्वी टट पर लैब्रोडोर थंडी जलधारा एवं गल्फ स्ट्रीम गर्म जलधारा बहती है|
•संसार का सबसे बड़ा बंदरगाह न्यूयॉर्क है|
•ब्लैक हिल ब्लू हिल एवम ग्रीन हिल नामक पहाड़ी अमेरिका में है|
यूरोप-
•यूराल एवं काकेशस पर्वत एशिया महाद्वीप को यूरोप से पृथक करता है| इस महाद्वीप में 46 देश है|यह विश्व का सर्वाधिक नगरिकृत महाद्वीप है|
•यूरोप को प्रयोद्वीपो का प्रयाद्वीप कहते हैं|
• यूरोप का सर्वोच शिखर एलबुर्ग रूस में स्थित है|
•यूरोप की सबसे बड़ी नदी वोल्गा है|
• यूरोप महाद्वीप का सबसे बड़ा नगर लंदन टेम्स नदी के किनारे हैं |
• फ्रांस की राजधानी पेरिस जो सीन नदी के किनारे हैं,विश्व का सुंदर नगर है |
• यूरोप के यूक्रेन गढ़राज्य विश्व का प्रमुख गेहु उत्पादक क्षेत्र है| जो विश्व का अन्न भंडार या रोटी की दलिया कहते हैं |
•क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सर्वाधिक बड़ा देश रूस, यूरोप महाद्वीप में स्थित है|
•यूरोप के फिनलैंड को झीलो का देश कहते हैं|
•यूरोप का काला जंगल और होर्ज पर्वत भ्रंशोत्थ पर्वत है |
• यूरोप मे जल विधुत का सर्वाधिक विकास इटली एवं स्विडैन में हुआ है|
•स्विट्ज़रलैंड को यूरोप का खेल का मैदान कहा जाता है |
•यूरोप का मरिज तुर्की को कहते है|
•आल्पस पर्वत का सर्वाधिक विकास स्विट्ज़रलैंड मैं है|
•पैरिनिज पर्वत फ्रांस एवम स्पेन के बिच सिमा बनने वाला पर्वत है|
•पो नदी को इटली की गंगा कहते हैं |
•फ्रांस यूरोप का एक मात्र देश है जो खध्यान में आत्मानिर्भर है|
• जोर्जिया, आर्मेनिया, आज़रबाइजान को संयुक्त रूप से काकेशस राज्य कहते हैं |
अंटार्कटिका-
अंटार्कटिका महाद्वीप, विश्व का सबसे दक्षिणी महाद्वीप है और यह उत्तरी ध्रुव पर आवरण बनाने वाली बर्फीली आवृत्ति के रूप में जाना जाता है। यह महाद्वीप गर्मी में भी ठंडा रहता है और उसमें शिमला, आयसलैंड, ग्रीनलैंड जैसी बहुत सी बर्फीली सतहें हैं।
अंटार्कटिका क्षेत्रीय विवरण:
•स्थान: यह महाद्वीप दक्षिणी ध्रुव पर विस्थित है और यहां दुनिया का सबसे ठंडा और विराण स्थल है।
•सीमाएँ: इसे दक्षिणी समुद्र, जॉन डीविस समुद्र, हैकलेंड समुद्र और पैसिफ़िक महासागर से घिरा हुआ है।
•क्षेत्रफल: यह महाद्वीप कुल क्षेत्रफल में लगभग 14 मिलियन वर्ग किलोमीटर फैला हुआ है।
•आबादी: अंटार्कटिका पर कोई स्थायी आबादी नहीं है, केवल वैज्ञानिकों की छोटी-मोटी रहने वाली टीमें होती हैं।
•जलवायु: अंटार्कटिका का जलवायु शुष्क और ठंडा होता है, जहां तापमान -80 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है
•अंटार्कटिका की खोज जेम्स क्लार्क रास ने 1911 में की थी |
•दक्षिणी ध्रुव पर पहुचने वला प्रथम व्यक्ती नॉर्वे निवासी
एमेंडसन था|
•क्वीन मोड पर्वत श्रेणी ईस महाद्वीप को दो बराबर भागो में काटती है | यहा की सर्वोच चोटी विंसन मासिफ है|
•माउंट अर्बुश अंटार्कटिक का अकेला सक्रिय ज्वालामुखी है|
•अंटार्कटिक में पोल आफ में ठंडा में विश्व का न्यूनतम वार्षिक तापमान मिलता है|
•लाइकेन और मास अंटार्कटिक की मुख्य वनस्पति है|
दक्षिणी अमेरिका-
• दक्षिणी अमेरिका का अधिकांश विस्तार दक्षिणी गोलार्द्ध में है| ये विश्व का चौथा बड़ा महाद्वीप है ये संसार का सबसे आद्र महाद्वीप है |
•प्रशांत और अटलांटिक महासागर के बिच अवस्थित यह महाद्वीप पनामा जलसंधि द्वारा उत्तरी अमेरिका से मिला हुआ है|
•दक्षिणी अमेरिका देश ब्राज़ील की सीमा चिली और इक्वाडोर को छोड़ कर शेष सभी दक्षिणी अमेरिकी सीमा से मिलती है|
•दक्षिणी अमेरिका में विश्व की सबसे अधिक उंचाई पर स्थित नौकायन झील टिटिकाका बोलीविया के पठार पर स्थित है|
•दक्षिण अमेरिका के ब्राज़ील में बहने वाली अमेजन नदी विश्व मैं अपवाह के क्षेत्र की दृष्टि से सबसे बड़ी नदी है|
•वेनेज़ुएला में कैरो नदी पर स्थित एन्जिल नामक झरना विश्व का सबसे ऊंचा झरना है|
•दक्षिण अमेरिका में चिली -अर्जेंटीना सीमा पर विश्व का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी ओजोस डेल सलादो एंडीज पर्वतमाला में स्थिर है|
• एंडीज पर्वतो के पूर्वी ढलानो के वनो को मोंटाना कहते हैं|
• ब्राज़ील रबर के पेड़ का मूल स्थान है|
•ब्राज़ील के कहवा के बागो को फजेंदा कहते है |
• दक्षिण अमेरिका का सबसे उष्ड मरुस्थल पेंटागोनिया है|
• दक्षिण अमेरिका का सर्वाधिक नगरीकृत देश उरुग्वे है|
ऑस्ट्रेलिया-
•यह सबसे छोटा महाद्वीप है जो दक्षिणी गोलार्ध में स्थिर है इसे द्विपिय महाद्वीप भी कहते हैं|
•इस महाद्वीप में 22 देश है | ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियो को अबोरजिन्स कहते हैं|
•ऑस्ट्रेलिया किं विश्वविख्यात् सोना की खान कालगुर्ली और कूलगार्डी है|
•आस्ट्रेलिया महाद्वीप को सुनहरी मक्खियों की भूमि, कंगारू भूमि , प्यासी भूमि का देश कहते है |
• विश्व मे सर्वौधिक बाक्साइड उत्खनित करने वाला देश अस्ट्रेलिया है|
•न्यूजीलैंड को दक्षिण का ब्रिटेन कहा जाता है|
जलमंडल-
•सम्पूर्ण पृथ्वी का 3/4 भाग पर जलमंडल का विस्तार है उत्तरी गोलार्ध का 60% और दक्षिणी गोलार्द्ध का 80.9% भाग महासागरो से घिरा है पृथ्वी पर उपस्थित जल की कुल मात्रा का 97.5% जल महासागरो में है जो खरा है | जल राशि का मात्र 2.5% भाग ही स्वच्छ या मीठा जल है |
• जलमंडल का वह बड़ा भाग जिसका कोई निश्चित सीमा ना हो महासागर कहलाता है|
•महासागरो की औसत गहराई 3800 मीटर तथा स्थल की औसत उंचाई840 मीटर होती है|
समुद्र-
•जलमंडल का वह बड़ा भाग जो तीन तरफ से जल से घिरा हो और एक तरफ महासागर से मिला हो कहलाता है|
खाड़ी-(Gulf)
समुद्र का स्थलिय भाग में प्रवेश कर जाने पर जो जल का क्षेत्र बनता है उसे खाड़ी कहते हैं|
Bay-
इसका दो किनारा स्थल से घिरा होता है एक तरफ तापुओं का समुह होता है और दुसरी तरफ का मुहाना समुद्र मिला होता है|
गर्त. गहराइ स्थिति
मेरियाना. 11022*. प्रशांत महासागर
टोंगा. 9000. प्रशांत महासागर
सुंडा. 8152. पूर्वी हिंद महासागर
•टर्की की वान झील लवडता सबसे अधिक होती है|
ग्रेट बेरियर रीफ-
यह आस्ट्रेलिया के क्विसलैंड के समीप संसार की सबसे बड़ी प्रवाल भीटी है|
प्रशांत महासागर-
यह अपने संलगन समुद्रो के साथ धरताल का 1/3 भाग ढकता है|
इसका क्षेत्रफल 165723740 वर्ग किमी है, प्रवाल भित्तीया प्रशांत महासागर की प्रमुख विशेषता है|
अटलांटिक महासागर-
यह संपूर्ण संसार का छठा भाग है|इसका क्षेत्रफल 82963800 वर्ग किमी है जो प्रशांत महासागर के लगभाग आधा है और संसार के क्षेत्रफल का लगभग 16% है| दक्षिणी अटलांटिक महासागर मे बरमूडा प्रवाल द्वीप एवं असेंसन, ट्रिस्टा द कान्हा, सेंट हेलेना ,गुआ तथा बोवेत द्वीप ज्वालामुखी द्वीप है|भूमध्य रेखा के निकट रोमांश गंभीर इसे दो भागो में बंटवारा करता है| व्यापार की दृष्टिकोन से अटलांटिक महासागर संसार का सबसे व्यस्त महासागर है |
हिंद महासागर-
इसके उत्तर में एशिया महाद्वीप, दक्षिण में अंटार्कटिक महाद्वीप ,पूर्व में आस्ट्रेलिया महाद्वीप तथा पश्चिम मे अफ्रीका महाद्वीप है| यह एक अर्धमहासागर है| इसका कुल क्षेत्रफल 7342500 वर्ग किमी है| यह एक तरफ प्रशांत महासागर और दुसरी तरफ अटलांटिक महासागर से मिला है | कर्क रेखा इस महासागर की उत्तरी सीमा है| इस महासागर का सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है| मेडागास्कर के पूर्व में मारिशस द्विप है इस महासागर में वास्तविक तत्ववर्ती सागर दो ही है वह है लाल सागर और फरास की खाड़ी|
महासागरीय जलधाराएँ-
• एक निश्चित दिशा में बहुत अधिक दुरी तक महासागरीय जल की एक विशाल जल राशि के प्रवाह को महासागरीय जलधारा कहती है यह दो प्रकार की होती है|
गर्म जलधारा-
निम्न् अक्षांशो में उष्ण कटिबन्धो से उच्च संशितोष्ण और उपध्रुविय कटिबन्धो की ओर बहने वाली जल धराओ को गर्म जलधारा कहते हैं|
ठंडी जलधारा-
उच्च अक्षांशो से निम्न अक्षांशो की ओर बहने वाली जलधारा को ठंडी जलधारा कहते हैं| ये प्रयाः ध्रुओ से भूमध्य रेखा की ओर चलती है|
सारगैसो सागर-
उत्तरी अटलांटिक महासागर में 20° से 40° उत्तर अक्षांशो तथा35° से 75° पश्चिमि देशान्तरो के मध्य चारो ओर प्रवाहित होने वाली जलधाराओ के मध्य स्थिति शान्त एवम स्थिर जल के क्षेत्र को सारगैसो सागर के नाम से जाना जाता है |
•न्यूफाउंलैंड के समीप ही गल्फ स्ट्रीम इवाम लैब्राडोर जलधारा मिलति है|
•ला- नीना एक शीतल जलधारा है जिसकी उत्पत्ति पेरू के ततवर्ती क्षेत्रो में होती है, वही एल-नीनो गर्म जलधारा है |
ज्वार भाटा(Tides)-
चंद्रमा और सूर्य की आकर्षण शक्तियो के कारण सागरिय जल के ऊपर उठने तथा गिरने को ज्वार भाटा कहते हैं|
• महासागरो और समुद्रो में ज्वार भाटा के लिए उत्तरदायि कारक
1. सूर्य का गुरुत्व बल, 2. चंद्रमा का गुरूत्व बल,3.पृथ्वी का आपकेन्द्रीय बल
•चंद्रमा का ज्वार उत्त्पादक बल सूर्य से दोगुना होता है|
• पृथ्वी पर प्रत्येक स्थान पर प्रतिदिन 12 घंटे 26 मिनट के बाद ज्वार तथा ज्वार के 6 घंटे 13 मिनट बाद भाटा आता है|
•ज्वार प्रतिदिन दो बार आते है , एक बार चंद्रमा के आकर्षण से और दूसरी बार पृथ्वी के अपकेंद्रीय बल के कारण
वायुमंडल-
पृथ्वी को चारो ओर से घेर हुए वायु के विस्त्रित फ़ैलाव को वायुमंडल कहते हैं|
वायुमंडल में पाये जाने वाले महत्वपूर्ण गैस:
नाइट्रोजन(78.8), ऑक्सीजन(20.95), कार्बन डाइऑक्साइड(0.036), ओजोन, जल वाष्प
वायुमंडल की संरचना:
क्षोभमण्डल-
• यह वायुमण्डल का सबसे नीचे वाली परत है| इसकी उंचाई सतह से लगभग18 कि.मी है|
• क्षोभमंडल में तापमान की गिरावत की दर 165 मीटर की ऊँचाई पर 1°c अथवा 1 किमी की ऊंचाई पर 6.4°c होता है|
•सभी मुख्य वायुमण्डल घटनाये जैसे बादल, आँधी, एवं वर्षा इसी मंडल में होती है, इस मंडल को संवाहन मंडल कहते हैं,इस मंडल को अधो मंडल भी कहते हैं|
• क्षोभमंडल और समताप मंडल को अलग करने वाले भाग को क्षोभ सीमा कहते हैं|
समतापमंडल-
•समतापमंडल 50 किमी की ऊंचाई तक है|
•इसमे मौसमी घटनाये जैसे बादलों की गरज, बिजली की कड़क, धुल कद ईवं जल वास्प नहीं होता |
•इस मंडल में वायुयान उड़ान की आदर्श दशा पाई जाती है|
•कभी कभी इस मंडल में विशेष प्रकार के मेघो का निर्माण होता है,जिन्हें मूलाभ मेघ कहते हैं|
•समताप मंडल की एक महत्वपूर्ण लक्षण ये है की इसमे ओजोन गैस की एक परत पाई जाती है, जो सूर्य से आने वाली पराबैगानी किरणो को अवशोषित कर लेती है| इसलिए ये पृथ्वी का सुरक्षा कहलाता है|
•ओजोन परत को नष्ट करने वाली गैस सीएफसी (क्लोरो फ्लोरो कार्बन)
• ओजोन परत की मोटाई नापने में दब्सन इकाई का प्रयोग किया जाता है|
मध्यमंडल-
मध्य मंडल समताप मंडल के ठीक ऊपर 80 किमी की ऊंचाई तक फेला है मध्य मंडल की ऊपरी परत को मध्य सीमा कहते हैं|
आयनमंडल-
आयनमंडल मध्यमंडल के ऊपर 80 किमी से 400 किमी के बीच स्थित है इसमे विधुत आवेशित कड पाये जाते हैं जिन्हे आयन कहते हैं|
बहिर्मंडल-
आयनमंडल के ऊपर के भाग को बाह्यमंडल कहा जाता है|
इसकी कोई बाहरी सीमा निर्धारित नहीं है इस मंडल में हाइड्रोजन एवं हिलियम गैस की प्रधानता होती है|
वायुमण्डलीय दाब, पवन एवं वायुराशियां-
वायुदाब-
मध्य समुद्रतल से वायुमंडल की अंतिम सीमा तक एक इकाइ क्षेत्रफल के वायु स्तम्भ के भार को वायुमण्डलीय दाब कहते हैं|
वायुदाब बैरोमीटर से मापा जाता है| वायुमण्डलीय दाब की इकाई बार है|
समदाब रेखा-
वह कल्पित रेखा जो समुद्रतल के बराबर घटाये हुये समान वायुदाब वाले स्थानो को मिलाती है, समदाब रेखा कहते हैं|
• पृथ्वी के धरातल पर चार वायुदाब कटिबंध है-
1.विशुवत रेखिय निम्न वायुदाब-
यह पेटी भूमध्य रेखा से 10° उत्तर तथा 10° दक्षिण अक्षांशो के बीच स्थित है यहाँ सालो भर सूर्य किरने लम्बवत पड़ती है जिसके कारण तापमान हमेशा ऊंचा रहता है | यह शान्त कटिबन्ध या डोल्ड्राम भी कहलता है |
2.उपोष्ण उच्च वायुदाब-
उत्तर तथा दक्षिण गोलार्धो में क्रमशह कर्क और मकर रेखाओ से 35° अक्षांशो तक उच्च दाब पेटिया पाये जाते हैं|
3.उपध्रुवीय निम्न वायुदाब-
45° उत्तरि तथा दक्षिणि अक्षांशो से क्रमशाह आर्कटिक तथा अंटार्कटिक वृतो के बीच निम्न वायु भार की पेटिया पाई जाती है|
4.ध्रुवीय उच्च वायुदाब-
80° उत्तर तथा दक्षिण अक्षांश से उत्तर तथा दक्षिण ध्रुव तक उच्च दाब पेटिया पाई जाती है|
पवन(Wind)-
पृथ्वी के धरातल पर वायुदाब मे क्षैतिज विषमताओ के कारण हवा उच्च वायुदाब क्षेत्र से निम्न वायुदाब क्षेत्र की ओर बहती क्षितिज रूप से इस गतिशील हवा को पवन कहते हैं|
पवन निम्न प्रकार के होते हैं-
1.प्रचलित पवन-
पृथ्वी के विस्त्रित क्षेत्र पर एक ही दिशा मे वर्ष भर चलने वाली पवन को प्रचलित पवन कहते हैं, पछुवा पवन व्यापारिक पवन ,और ध्रुवीय पवन इसके उदाहरन है|
2.मौसमी पवन-
मौसम या समय के परिवर्तन के साथ जिन जिन पवनो की दिशा बदल जाती है उन्हें मौसमी पवन कहा जाता है|
जैसे- मानसूनी पवन,स्थल समीर, समुद्र पवन
3.स्थानिय पवन -
प्रमुख गरम स्थानिय पवन-
चिनुक-
यह संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा मे रॉकी पर्वत श्रेणी के पूर्वी ढाल के साथ चलने वाला गर्म पवन है|
हरमट्टन-
यह सहारा रेगिस्तान से उत्तर पूर्व दिशा में चलने वाली गर्म हवा है | जब यह सहारा से गिनी तत की ओर बहती है तब इसको डॉक्टर हवा कहा जाता है |
नार्वेस्टर-
यह न्यूज़ीलैंड में उच्च पर्वतो से उतरने वाली गर्म हवा है |
जेट प्रवाह-
क्षोभमंडल की उपरी परत में बहुत तिव्र गति से चलने वाले संकरे नालिकाकार व विसर्पी पवन प्रवाह को जेट प्रवाह कहते हैं|
आद्रता-
वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प को वायुमंडल की आद्रता
कहते हैं, ये तीन प्रकार की होती है|
1.निरपेक्ष आद्रता
2.विशिष्ट आद्रता
3.सापेक्ष आद्रता
संघनन-
जल की गैसिय अवस्था के तरल या थोस अवस्था में परिवर्तन होने की क्रिया को संघनन कहते हैं|
विश्व की प्रमुख फसले एवं उत्पादक देश
फसल प्रथम स्थान द्वितीय स्थान तृतीय स्थान
गेहूँ चीन भारत रूस चावल चीन भारत बांग्लादेश
मक्का अमेरीका चीन ब्राज़िल
कपास भारत चीन अमेरीका
चाय चीन भारत किनिया
गन्ना ब्राज़िल भारत चीन
रबड थाईलैंड इंडोनेशिया वियतनाम
तम्बाकू चीन भारत ब्राजील
कहवा ब्राज़ील वियतनाम कोलंबिया
आलू चीन भारत यूक्रेन
दलहन भारत स्पेन पोलैन्ड
जूट भारत बांग्लादेश चीन
मूंगफली चीन भारत नाइजीरिया
सोयाबीन ब्राज़ील अमेरीका अर्जेंटीना
सूरजमुखी रूस यूक्रेन अर्जेंटीना
विश्व के प्रमुख खनिज पदार्थ एवं उत्पादक देश
खनिज प्रथम स्थान द्वितीय स्थान तृतीय स्थान
लोहा ऑस्ट्रेलिया चीन ब्राज़ील
तांबा चिली पेरू चीन
मैगनिज दक्षिण अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया चीन
बाक्साइट ऑस्ट्रेलिया गिनी चीन
जस्ता चीन पेरू ऑस्ट्रेलिया
सोना चीन ऑस्ट्रेलिया रूस
चाँदी मेक्सिको पेरू चीन
कोयला चीन भारत इंडोनेशिया
यूरेनियम कजाकिस्तान कनाडा ऑस्ट्रेलिया
प्राकृतिक गैस अमेरीका रूस ईरान
अभ्रक चीन अमेरीका मेडागास्कर
हीरा रूस बोत्सवाना कनाडा
क्रोमियम दक्षिणअफ्रीका कजाकिस्तान टर्की
कैडमियम चीन दक्षिणअफ़्रीका जापान
प्लैटिनम दक्षिणअफ्रीका रूस ज़िम्बाब्वे
विश्व के प्रमुख जनजातिया
जनजाति संबंधित देश/क्षेत्र
एस्किमो ग्रीनलैंड ,कनाडा
रेड इंडीयन उत्तरी अमेरिका
खिरगिज मध्य एशिया
पिग्मीज कांगो बेसिन
माओरी न्यूज़ीलैंड
बोरो ब्राज़ील
मसाई पूर्वी अफ़्रीका
बुशमैन कालाहारी मरुस्थल
बद्दू अरब
पापुआंस न्यू गिनी
याकू टुंड्रा प्रदेश
विश्व की प्रमुख भौगोलिक खोंजे
• द. ध्रुव पर पहुचने वाला प्रथम व्यक्ति आर. एमैंडसन
• उत्तरी ध्रुव खोज राबर्ट पियरी
• सौरमंडल कोपरनिकस
•ग्रहो का गति नियम केपलर
विश्व की प्रमुख नहरें
नाम स्थिति
सू नहर - सुपीरियर झील को ह्यूरन झील से जोड़ती है|
ईरी नहर - ईरी झील को मिशीगन झील से जोड़ती है|
कील नहर - उत्तरी सागर और बाल्टिक सागर के बीच|
स्वेज नहर - लाल सागर और भूमध्य सागर के बीच|
पनामा नहर - कैरीबियन सागर और प्रशांत महासागर के बीच|
विश्व की प्रमुख जलसंधि
जलसंधि किस-किस को जोड़ती है
मलक्का अंडमान सागर एवं दक्षिण चीन सागर
पाक मन्नार एवम बंगाल की खाड़ी
बेरिंग बेरिंग सागर एवम चुकसी सागर
हडसन हडसन की खाड़ी व अटलांटिक महासागर
जिब्राल्टर भूमध्यसागर एवं अटलांटिक महासागर
विश्व के प्रमुख जलडमरुमध्य
जलडमरुमध्य संबंधित सागर
बेरिंग आर्कटिक एवम बेरिंग सागर
जिब्राल्टर भूमध्यसागर एवम अटलांटिक
डोबर उत्तरी सागर एवं अटलांटिक
मलक्का जावासागर एवं बंगाल की खाड़ी
फ्लोरिडा मेक्सिको की खाड़ी एवं अटलांटिक
पाक बंगाल की खाड़ी एवं अरबसागर
विश्व के प्रमुख जलप्रपात
जलप्रपात देश उंचाई(मीटर)
एन्जिल वेनेज़ुएल 979
विक्टोरिया ज़िम्बाब्वे 108
जोग(गरसोप्पा) भारत 255
नियाग्रा कनाडा और अमेरिका की सीमा 53.5
विश्व के प्रमुख झीलें
नाम संबधित क्षेत्र
कैस्पियन सागर रूस(एशिया)
सुपीरियर झील अमेरिका तथा कनाडा
विक्टोरिया झील केन्या, युगांडा
ह्यूरन झील अमेरिका ,कनाडा
मिशीगन झील अमेरिका
बैकाल झील रूस
ईरी झील अमेरिका, कनाडा
टीटीकाका झील पेरू
निकारागुआ झील निकारागुआ
विश्व के प्रमुख पर्वत- शिखर
पर्वत शिखर देश उंचाई
एवरेस्ट नेपाल 8850
के-2 (गाडविनआस्टिन) भारत 8611
कंचनजंगा नेपाल-भारत 8598
धौलागिरी नेपाल 8172
नंगा पर्वत भारत 8126
अन्नपूर्णा नेपाल 8078
नंदा देवी भारत 7817
राकापोशी पाकिस्तान 7788
नामचावर्व चीन 7756
विश्व के प्रमुख द्विप
नाम अवस्थिति
ग्रीनलैंड आर्कटिक महासागर
न्यू गिनी प्रशांत महासागर
मेडागास्कर हिंद महासागर
बोर्नियो हिंद महासागर
सुमात्रा हिंद महासागर
होंशू प्रशांत महासागर
विश्व के प्रमुख रेगिस्तान
रेगिस्तान क्षेत्रफल(किमी)
सहारा 8400000
ऑस्ट्रेलियन 1550000
अरेबियन 1300000
गोबी 1040000
कालाहारी 520000
थार 260000
नोट-
अपने पोस्ट में मैने विश्व के भुगोल की चर्चा की है ,भारत के भुगोल की चर्चा हम अगले पोस्ट में करेंगे|
•अपनी राय जरूर व्यक्त करे हमसे.
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